अजीब कहानी है इस मोहब्बत की भी,
जिसने कदर की उसे मिली नहीं,
और जिसे मिली उसने कभी कदर की नहीं।
Ajeeb kahani hai is mohabbat kee bhi,
Usane kadar ki use mili nahin,
Aur jise mili usane kabhi kadar kee nahi.
सुना है इस महफिल में कई सारे शायर है
तो सुनाओ वो वाली शायरी जो दिल के आर पार हो जाए।
मोहब्बत समेट लेती है.. ज़माने भर के रंज-ओ-ग़म..
सुना सनम अच्छा हो तो.. काँटे भी नही चुभते।
बड़ी गहराई से चाहा है तुझे,
बड़ी दुआओं से पाया है तुझे,
तुझे भुलाने की सोचु भी तो कैसे,
किस्मत की लकीरो से चुराया है तुझे।
मोहब्बत ऐसी हो एक दिन बात हो,
दूसरे दिन मुलाकात हो और तीसरे दिन बारात हो।
चाहने वाले तो मिलते ही रहेंगे तुझे सारी उम्र,
बस तू कभी जिसे भूल न पाए वो चाहत हमारी होगी।
आदत सी लग गई है तुझे हर वक़्त सोचने की
अब इसे प्यार कहते हैं या पागलपन ये मुझे पता नहीं।