कल्पना के इस शहर में हम उनको ढूंढ रहे हैं
और हमारे पास उनके घर की कोई निशानी भी नही है!
Kalpana ke is shehar mein ham unako dhoondh rahe hain
aur hamare paas unke ghar ki koi nishani bhi nahi hai!
तुम मूड में नहीं थे तो क्यू बनाया मुझे रब,
मिट्टी दुबारा गुथो और फिर से बनाओ मुझे।
वो जवानी में ही मर गया था..
कमाल था लाश बुढ़ापे तक चलती रही।
Hindi Shayri for Love, Friendship and Attitude
ये आपका चेहरा है या प्याज के छिलके,
एक चेहरा उतारा तो सौ और चेहरे मिले।
कभी जिंदगी के धागे टूट जाए तो हमारे पास आना..
हम हौसलों के ढर्जी है मुफ्त में उफू करते हैं।
हसरत से देखते हैं हम माज़ी को इस तरह,
जैसे के लौट आएंगे जो दिन गुज़र गए।
मुझको शर्मिंदा कर जाए, जब वो नज़र झुकाकर जाए,
मेरी बेटी सी इक लड़की, मुझसे क्यूँ घबरा कर जाए!
और सो लेने दो थोडा़ सा मेरी आँखों को,
बड़ी मुद्दत के कई ख़्वाब सजे हैं इनमें!