Kya tujhse ishq hona jaruri tha shayari

  • 2022-04-06 19:53:29

आज भी बह पढ़ते हैं अश्क सिर्फ यह सोचकर…
कि क्या तुझसे इश्क होना जरूरी था।
Aaj bhi bah padhte hain ye ashk sirf ye sochkar…
ki kya tujhse ishq hona jaruri tha.


काश मेरी याद में तुम कुछ ऐसे उलझ जाओ,
यहां मैं तुम्हारे बारे में सोच और वहां तुम समझ जाओ।

दिल पर भी सैनिटाइजर छिड़कते रहिए
यह इश्क बड़ी संक्रामक बीमारी है।

टूटा हुआ फूल खुशबू दे जाता है,
बीता हुआ पल यादें दे जाता है,
हर शख्स का अपना अपना अंदाज होता है,
कोई जिंदगी में प्यार तो कोई प्यार में जिंदगी दे जाता है।

तेरी आवाज़ तेरे रूप की पहचान है,
तेरे दिल की धड़कन में मेरे दिल की जान है,
ना सुनूं जिस दिन तेरी बातें लगता है
उस रोज यह जिस्म बेजान है।

मुझसे ज्यादा तुझे मेरी आंखें चाहती हैं,
जब भी तुझे सोचता हूं तो यह भर आती हैं।

कभी यह मत सोचना कि याद नहीं करते,
हम रात की आखरी और सुबह की पहली सोच हो तुम।

कितनी हसीन हो जाती है उस वक़्त दुनिया,
जब अपना कोई कहता है याद आ रहे हो।

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